Recent

Breaking News

Govt Jobs : Opening

असफलता भी है जरूरी

'यदि आप रसातल में पहुंच चुके हैं तो आप खुशकिस्मत हैं कि अब आपकी यात्रा केवल एक ही दिशा में होगी और वह है ऊपर की ओर।' अनूठे सकारात्मक चिंतन को दर्शाता 'नार्मन विसेंट पील' का उक्त मूलमंत्र असफलताओं से घिरे व्यक्ति की इच्छा-शक्ति को जगा सकता है।

कैसी है आपकी निर्णय क्षमता...

कहते हैं डि‍सीजन मेकिंग पावर अनुभव के साथ आती है परंतु वर्तमान में यह कहना गलत होगा क्योंकि कार्पोरेट वर्ल्ड में अलग-अलग स्तरों पर युवाओं से लेकर प्रौढ़ महत्वपूर्ण निर्णय ले रहे हैं। 
कई कंपनियों में डी-सेंट्रलाइज्ड वर्क कल्चर होता है जिसमें कर्मचारी अपने स्तर पर निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र रहते हैं। निर्णय लेने के लिए परिस्थितियों का अध्ययन और निर्धारित समय के भीतर निर्णय लेने की कला को विकसित करना है।

कैरियर बदलने से पहले, सोचें दस बार

किसी भी कैरियर में बहुत आगे बढ़ने के बाद कई युवा साथी कैरियर शिफ्ट करने की इच्छा रखते हैं। वे एक तरह की जिंदगी से कुछ अलग करना चाहते हैं जो उनके दिल को पसंद हो। इस प्रकार के कैरियर शिफ्ट में न केवल जोखिम रहता है बल्कि यह कैरियर का एक ऐसा मोड़ रहता है जहां से आप पर आर्थिक रूप से बहुत बोझ भी रहता है।

प्रशासनिक सेवाओं की तैयारी के मंत्र

परीक्षा से कम से कम एक से डेढ़ साल पहले तैयारी शुरू कर देनी चाहिए।

करंट अफेयर्स पर अधिकार जमाने के लिए अखबारों और मैग्जींस नियमित तौर पर पढ़ने की आदत डालें।

जनरल नॉलेज बेहतर बनाने के लिए किसी भी एक अच्छी पुस्तक का सहारा लें।

पहले परीक्षा का पैटर्न समझें और फिर तैयारी की रणनीति बनाएं।

जीत का मंत्र - टाइम मैनेजमेंट

आने वाले दो-तीन महीनों में कई प्रमुख प्रतियोगी परीक्षाएँ होने वाली हैं जैसे मई में सीबीएसई-एआईपीएमटी (मेडिसिन) की प्रमुख परीक्षा, एआई ईईई, मैट (मैनेजमेंट), आईआईएमसी (जर्नलिज्म), जून में यूपीएससी (सिविल सेवा) परीक्षा आदि। ये परीक्षाएँ न सिर्फ विद्यार्थियों से अथक परिश्रम की दरकार रखती हैं बल्कि समय प्रबंधन की भी माँग करती हैं। क्योंकि 80 प्रतिशत दिशाहीन प्रयास से बमुश्किल 20 प्रतिशत परिणाम ही आता है इसलिए अभी से विद्यार्थियों को अपनी कमर कस लेनी चाहिए।

सफलता के लिए बॉडी लैंग्‍वेज पर ध्यान दें

सक्‍सेस केवल अच्‍छी नॉलेज रखने या स्‍कि‍ल्‍स पाने में नहीं है। आप तब तक सक्‍सेस नहीं पा सकते जब तक आपका खुद को एक्‍सप्रेस करने का तरीका सही नहीं है।  
प्रोफेशनल लाइफ हो या पर्सनल लाइफ इंपॉर्टेंट यह नहीं है कि आप क्या कहते हैं, बल्कि यह ज्‍यादा इंपॉर्टेंट है कि आप उसे किस तरह कहते हैं? हमेशा मुस्कराते रहें। जो लोग अपने बारे में अच्छा सोचते हैं, उनकी बॉडी लैंग्वेज अक्सर बेहतर होती है।

चलिए आज से शुभ-शुभ सोचें!

आपने कितनी बार अपने आपसे ही यह कहा होगा 'जिस तरह से मैं योजना बनाता हूं, वह कभी काम नहीं आती', 'मैं कभी डेड लाइन पर काम पूरा नहीं कर सकूंगा', 'मैं हमेशा काम बिगाड़ देता हूं'। इस किस्म की बातें जो आप अपने अंदर ही अंदर करते हैं उनसे ज्यादा कोई दूसरी चीज आपके जीवन को दिशा नहीं देती।
http://e-successmantra.blogspot.com/

जीवन में सफल होने के कुछ टिप्स

जीवन में आगे बढ़ने हेतु व्यक्ति निरंतर प्रयासरत रहता है। सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं होता। इसे प्राप्त करने के लिए व्यक्ति को निरंतर मेहनत करनी ही होती है। किसी मुकाम पर पहुंचने के लिए व्यक्ति को अपनी मंजिल का भी पता होना चाहिए। इसके बगैर किया गया प्रयास व्यक्ति को असफलता की ओर ही ले जाता है।

नाकामी को हार ना बनने दें

किसी शायर ने यूँ ही नहीं कहा है, 'शहसवार ही गिरते हैं मैदान-ए-जंग में, वे तिफ्ल क्या गिरेंगे जो घुटनों के बल चलें।' मतलब ये है कि‍ जिंदगी कोई भी क्षेत्र हो, हर कोशि‍श के दो ही पहलू होते हैं, सक्‍सेस या फेलर। सक्‍सेस निश्चित रूप से हर किसी को खुशी देती है, हौसला बढ़ाती है, जबकि विफलता हमारा मोरल डाउन कर देती है।

खुद को ना करें अंडर-एस्टीमेट

कई बार ऐसा होता है कि स्टूडेंट्स दूसरों के ओपिनियन के आधार पर अपने बारे में गलत राय बना लेते हैं। इसी कारण वे न तो स्टडी पर कॉन्‍संट्रेट कर पाते हैं और न ही गोल अचीव कर पाते हैं। उन्हें लगता कि उनमें कुछ भी अच्छा नहीं है और इंफिरियेरिटी कॉम्प्लेक्स से ग्रस्त हो जाते हैं।

बि‍ग आइडि‍या, बि‍ग सक्‍सेस

फि‍ल्‍म बदमाश कंपनी में यूँ चाहे जि‍तनी बुराइयाँ लेकि‍न उसमें शाहि‍द कपूर का बोला एक डॉयलॉग बहुत पते कि‍ बात कहता है- 'एक बि‍जनेस पैसे नहीं एक बड़े आइडि‍या से बनता है'। वाकई एक बेहतर बि‍जनेस एक बेहतर आइडि‍या से बड़ा बनता है। शॉन नेल्सन जब 18 वर्ष के थे तब एक दिन टीवी देखते हुए उन्हें एक आइडिया आया।

आईआईटी में फेल बना आईएएस टॉपर

आईआईटी में फेल… आईआईएम में एडमिशन मांगने गए तो भगाया...एक सप्ताह पहले शादी… पुलिस अफसर बनने की ट्रेनिंग… और यूपीएससी में टॉपर… अमूमन मुंबईया मसाला फिल्मों की कहानियों का नायक कुछ इसी तरह… नाटकीय उतार-चढ़ाव के बीच और हर जगह हारने के बाद… अंत में विजयी होता हैं, क्योंकि दर्शकों की डिमांड कुछ ऐसी ही होती है… वह अपने नायक को अंत में जीतते हुए देखना चाहते थे… रील लाइफ में ऐसी सक्सेस स्टोरी की लंबी फेहरिस्त है… लेकिन रियल लाइफ में कुछ ऐसे ही कर दिखाया है… गौरव अग्रवाल ने…। गौरव अग्रवाल की सफलता कहानी को जानने के लिए हमे पीछे चलना होगा… जिसे फिल्मों में फ्लेश बैक कहा जाता है।

http://e-successmantra.blogspot.com/

सक्‍सेस नहीं है लक बाय चांस

एक्‍जाम्‍स का दौर है। सभी पढ़ने वाले स्‍टूडेंट्स का ध्यान अब सिर्फ पढ़ाई पर है। रि‍जल्‍ट को बेहतर बनाने और अगले पड़ाव पर पहुँचने के लिए वे प्रयासरत हैं। लेकि‍न ऐसे स्‍टूडेंट्स जो पूरे साल रेग्‍युलर स्‍टडी नहीं करते, टाइम रहते अपना काम शुरू नहीं करते, आलस कर जाते हैं, और एक्‍जाम को भूत समझकर डरते हैं और सोचते हैं, जो भाग्य में होगा वही मिलेगा।

नो स्‍ट्रगल, नो सक्‍सेस

बि‍ना स्‍ट्रगल के सक्‍सेस नहीं मि‍लती ये तय है। एपीजे अब्‍दुल कलाम से लेकर धीरूभाई अंबानी तक आप कि‍सी की भी ऑटोबायोग्राफी पढ़ लें, सबके पीछे की स्‍टोरी में स्‍ट्रगल ही स्‍ट्रगल है और क्‍लाइमेक्‍स में सक्‍सेस। हाँ, और उसके आगे है एक हसीन जिंदगी, लेकि‍न साथ में फि‍र से एक स्‍ट्रगल है, टॉप पर बने रहने का। मतलब स्‍ट्रगल के बि‍ना जिंदगी नहीं है।

इन बातों से मिलती है सक्सेस...

समय प्रबंधन की विशेषज्ञ एवं चर्चित किताब 'व्हाट द मोस्ट पीपल डू बिफोर ब्रेकफास्ट' की लेखक लौरा वंदेरकम लिखती हैं कि अगर आप किसी चीज को करना चाहते हैं तो आप उसे सबसे पहले करिए। हमारे बीच के लोग जो आज सफलता की सीढ़ियां चूम रहे हैं एवं जिंदगी की सफलता का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं वे इसी फिलॉसफी पर चलते हैं। वे दिन का पहला घंटा अपने ज्यादा जरूरी कामों को पूरा करने में लगा देते हैं।
 
http://e-successmantra.blogspot.com/
आप सोच रहे होंगे कि सफल लोग आराम करते या नहीं या फिर आराम के समय वे क्या करते हैं? इन्हीं सवालों के जवाब देंगी लौरा वंदेरकम की किताब की चुनिंदा 12 बातें- 

एकता कपूर : सफलता की ग्यारंटी वाला नाम

बालाजी टेलीफिल्म की हेड एकता कपूर। अपने जमाने के सुपर स्टार जितेंद्र की बेटी एकता ने उस समय छोटे पर्दे का रुख किया, जब लोग टीवी के लिए काम करना कमतर समझते थे। बालाजी टेलीफिल्म की स्थापना से न केवल एकता ने टीवी कंटेट बदला बल्कि कई ऐसे कलाकारों को काम और पहचान दी, जो बड़े पर्दे का संघर्ष सह न पाए।

ऐसे मनवाएं अपनी बात...

लोगों को अपनी समझ से अवगत कराने और उन्हें अपनी बात से सहमत कराने का गुण सफलता प्राप्त करने का एक मूल मंत्र है। किसी को अपनी बात से राजी करने और उसे परेशान करने में एक बारीक सा फर्क है। लोगों को अपने विचार समझा पाना वाकई एक ‍कठिन काम है।

http://e-successmantra.blogspot.com/

नाम में भी है बहुत कुछ

सरल नाम पहुंचा सकते हैं बुलंदियों पर
http://e-successmantra.blogspot.com/

शानदार कल के लिए आज बनाएं बजट

केंद्र सरकार देश का और विभिन्न राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों के बजट पेश कर चुकी हैं। अधिकांश लोग अपने-अपने नजरिए से इसकी तारीफ-आलोचना करते हैं। इसी बीच सवाल उठता है कि क्या आपने खुद का बजट बनाया है? कहने की जरूरत नहीं कि इस सवाल पर कैसा रिस्पॉन्स मिलेगा? अधिकांश लोगों का कहना होता है कि देखो मैंने सब कुछ दिमाग में स्टोर कर रखा है-इनकम, खर्च, सब कुछ

टेक योर ओन टाइम...

'आप सबसे खराब लगने वाली परिस्थिति में जिस तरह प्रतिक्रिया देते हैं, वही आपकी योग्यता की सच्ची कसौटी है।' किसी प्रसिद्ध दार्शनिक का यह कथन हमारे व्यवहार को बखूबी स्पष्ट करता है। रोजमर्रा की जिंदगी में, जब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा हो, तब तो सही प्रतिक्रिया या सही निर्णय लेना बड़ा आसान होता है।

क्या आपकी विल पॉवर स्ट्राँग है?

कहते हैं ईश्वर उन्हीं की मदद करता है, जो खुद अपनी मदद करते हैं। जिनमें दृढ़ इच्छाशक्ति, संकल्प और कुछ कर गुजरने का जज्बा होता है। इन सब खूबियों और एहसासों को हम इच्छाशक्ति यानी विल पॉवर के रूप में व्यक्त कर सकते हैं। तो क्या आप अपने आपको इच्छाशक्ति वाले मानते हैं? यहाँ दी जा रही क्विज में हिस्सा लीजिए। खुद ही पता चल जाएगा कि आपकी विल पॉवर का लेवल क्या है? इच्छाशक्ति ही अच्छी सेहत का मूल आधार है।

सेल्‍फ एनालि‍सि‍स करें

जिंदगी आगे बढ़ते रहने का नाम है। समय के साथ पक्की दोस्ती कर जिंदगी न ठहरती है न सोचने का वक्त देती है वह तो बस समय के इशारे पर अपनी गति से चलती रहती है। जिंदगी के आगे बढ़ने की गति में एक अलग तरह का प्रवाह होता है जिसमें सुख-दुख, अपना-पराया की भावनाओं से लेकर वह सबकुछ रहता है, जो मनुष्य की चाहत रहती है।

भाग्य से नहीं मेहनत से मिलती है सफलता

मेहनत और भाग्य को लोग अलग-अलग करके देखते हैं। यह सामान्य जुमला है कि भाग्य में होगा तब सबकुछ मिलेगा। भाग्य प्रबल होगा तब घर बैठे सबकुछ मिल जाएगा। पर यथार्थ के धरातल पर भाग्य पक्ष को तौल कर देखा जाए तब आपको सबकुछ मिलने की गारंटी बिलकुल भी नहीं मिलेगी और मिलना भी नहीं चाहिए

ऐसे करें करियर प्लानिंग

करियर प्लानिंग कैसे करें इन सब प्रश्नों पर करियर काउंसलर ‍सचिन भटनागर का कहना है कि करियर प्लानिंग के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आपकी रुचि किस क्षेत्र में है और उस क्षेत्र में रोजगार की कितनी संभावनाएं हैं। उसके बाद बारी आती है कॉलेज की। जिस क्षेत्र में करियर बनाना है, उस विषय से संबंधित कॉलेज या शिक्षण संस्थान कहां है। उस विषय से संबंधित अच्‍छी फैकल्टी कहां है। इन सब बातों की खोज के बाद हमें अपने करियर की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए।

गुरु-मंत्र : जीवन जीने का नाम है

किसी भी कार्य की सफलता उस पर की गई मेहनत पर निर्भर करती है। आज युवा भी ऐसे क्षेत्रों में करियर बनाना चाहता है जहां भरपूर पैसा हो, ग्लैमर हो, प्रसिद्धि हो। पर उसे यह ध्यान रखना चाहिए कि सफलता कोई पेड़ पर लगने वाला फल नहीं है जिसे पेड़ पर चढ़ गए और तोड़ लिया।

सकारात्‍मक सोच है जीवन का सक्‍सेस मंत्र

क्या आपके पास कोई ऐसा हुनर है जो औरों से अलग है? अगर आपको लगता है "नहीं" तो आप बिल्कुल गलत हैं। क्योंकि हर इंसान को भगवान ने बनाया है और सबके पास कोई ना कोई ऐसा हुनर है जो औरों से अलग है। आमतौर पर लोग ये कहते हैं कि "हमने तो पूरी कोशिश कि पर काम नही हुआ", दरअसल अगर आप पूरी कोशिश करेंगे तो आप असफल होंगे ही नहीं।

सक्सेस मंत्र – कलाम के पाँच सूत्र

1. जीवन में एक लक्ष्य बनाईए। उस लक्ष्य के मुताबिक ज्ञान अर्जित कीजिए। ज्ञान अर्जित करने के लिए किताबें पढि़ए, नामचीन लोगों से मुलाकात कर उनके अनुभव जानिए। मशहूर वैज्ञानिक, दार्शनिक, इतिहासकार, तकनीकी विशेषज्ञों की जीवनी पढि़ए। इससे आपको सफलता की प्रक्रिया के सूत्र मिलेंगे। 

कामयाबी के लिए तीन की व‌र्ड्स हैं-नॉलेज, स्किल्स और एक्शन

सफलता का महान वृक्ष उन छोटे-छोटे दिखने वाले गुणों में छिपा होता है, जिनकी हम अक्सर उपेक्षा करते हैं। वे हमें इसलिए भी निरर्थक लगते हैं, क्योंकि बचपन से हम उनके बारे में सुनते आ रहे हैं लेकिन अचरज तो तब होता है, जब हम इस पुराने बेकार से दिखने वाले चिराग को घिसते हैं और कामयाबी का जिन्न आ खडा होता है। इस कामयाबी के लिए तीन की व‌र्ड्स हैं-नॉलेज, स्किल्स और एक्शन। मंजिल कहीं भी हो, रास्ता यहीं से गुजरेगा।

ये हैं सफलता के मंत्र

पढ़ाई में टॉपर बनना आपका सपना है तो इस सपने को आप मेहनत से हकीकत में बदल सकते हैं। इन सक्सेस मंत्रों को अपनाकर प्रतियोगी परीक्षा औएक्जाम में सफल हो सकते हैं।

कड़ी मेहनत- सफलता हासिल करने का पहला मंत्र है कड़ी मेहनत। मेहनत का कोई शॉर्टकर्ट नहीं होता। यदि अपने पाठ्‍यक्रम की आवश्यकता के अनुसार कड़ी मेहनत करते हैं तो उसका फायदा मिलता ही है।

Advertisement