करियर प्लानिंग कैसे
करें इन सब प्रश्नों पर करियर काउंसलर सचिन भटनागर का कहना है कि करियर
प्लानिंग के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आपकी रुचि किस क्षेत्र में
है और उस क्षेत्र में रोजगार की कितनी संभावनाएं हैं। उसके बाद बारी आती है
कॉलेज की। जिस क्षेत्र में करियर बनाना है, उस विषय से संबंधित कॉलेज या
शिक्षण संस्थान कहां है। उस विषय से संबंधित अच्छी फैकल्टी कहां है। इन सब
बातों की खोज के बाद हमें अपने करियर की दिशा में कदम बढ़ाने चाहिए।
वे कहते हैं कि बच्चों के रुचि के क्षेत्र बचपन में ही उनके मन में सेट हो जाते हैं, इन सबकी तैयारियां वे स्कूल लाइफ से ही शुरू कर देते हैं क्योंकि उनकी जड़ें जितनी मजबूत होंगी, उतने ही ज्यादा बेहतर तरीके से वे अपना करियर बना पाएंगे। मान लीजिए किसी बच्चे को क्रिकेट में करियर बनाना है तो वह बचपन से उसकी प्रैक्टिस करता है, उसकी ट्रेनिंग लेता है। जिन्हें गायन या डांस में अपना करियर बनाना है वे उनकी क्लास ज्वाइन करते हैं, तभी आगे चलकर वे इस क्षेत्र में महारथ हासिल करते हैं।
9वीं या 10वीं के बाद बच्चों को यह निर्णय लेना पड़ता है उन्हें कौनसा सब्जेक्ट लेना है इसीलिए 10वीं कक्षा से करियर के प्रति सजग हो जाना चाहिए हैं। किस क्षेत्र में करियर बनाना है उस क्षेत्र में माता-पिता को बच्चों को तैयारियां शुरू करवा देना चाहिए। कई बच्चे जो करियर के प्रति तैयारियों में असमंजस में रहते हैं तो काउंसलर्स उनकी मदद करते हैं। बिना पक्षपात के काउंसलर्स उनके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेते है कि बच्चों की रुचि किस विषय में है। उनकी योग्यता क्या हैं। उन्हें किस दिशा में अपनी तैयारियां करनी चाहिए।
इसलिए करियर की प्लानिंग के दौरान इस बात का खास ध्यान रखा जाना चाहिए कि आपकी रुचि किस क्षेत्र में हैं और उसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रयास करना चाहिए ताकि आप अपने करियर की ऊंचाइयों को हासिल कर सकें।
वे कहते हैं कि बच्चों के रुचि के क्षेत्र बचपन में ही उनके मन में सेट हो जाते हैं, इन सबकी तैयारियां वे स्कूल लाइफ से ही शुरू कर देते हैं क्योंकि उनकी जड़ें जितनी मजबूत होंगी, उतने ही ज्यादा बेहतर तरीके से वे अपना करियर बना पाएंगे। मान लीजिए किसी बच्चे को क्रिकेट में करियर बनाना है तो वह बचपन से उसकी प्रैक्टिस करता है, उसकी ट्रेनिंग लेता है। जिन्हें गायन या डांस में अपना करियर बनाना है वे उनकी क्लास ज्वाइन करते हैं, तभी आगे चलकर वे इस क्षेत्र में महारथ हासिल करते हैं।
9वीं या 10वीं के बाद बच्चों को यह निर्णय लेना पड़ता है उन्हें कौनसा सब्जेक्ट लेना है इसीलिए 10वीं कक्षा से करियर के प्रति सजग हो जाना चाहिए हैं। किस क्षेत्र में करियर बनाना है उस क्षेत्र में माता-पिता को बच्चों को तैयारियां शुरू करवा देना चाहिए। कई बच्चे जो करियर के प्रति तैयारियों में असमंजस में रहते हैं तो काउंसलर्स उनकी मदद करते हैं। बिना पक्षपात के काउंसलर्स उनके बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लेते है कि बच्चों की रुचि किस विषय में है। उनकी योग्यता क्या हैं। उन्हें किस दिशा में अपनी तैयारियां करनी चाहिए।
इसलिए करियर की प्लानिंग के दौरान इस बात का खास ध्यान रखा जाना चाहिए कि आपकी रुचि किस क्षेत्र में हैं और उसी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रयास करना चाहिए ताकि आप अपने करियर की ऊंचाइयों को हासिल कर सकें।
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