एक्जाम्स का दौर है। सभी
पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का ध्यान अब सिर्फ पढ़ाई पर है। रिजल्ट को बेहतर
बनाने और अगले पड़ाव पर पहुँचने के लिए वे प्रयासरत हैं। लेकिन ऐसे
स्टूडेंट्स जो पूरे साल रेग्युलर स्टडी नहीं करते, टाइम रहते अपना काम
शुरू नहीं करते, आलस कर जाते हैं, और एक्जाम को भूत समझकर डरते हैं और
सोचते हैं, जो भाग्य में होगा वही मिलेगा।
एट लास्ट उनका रिजल्ट अच्छा नहीं आता और दोष देते हैं बेडलक को। इसके अपॉजिट रूटीन पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट कभी भी परीक्षा से नहीं डरते। आज के समय को देखते हुए यह तो बिलकुल सच है कि जिसने अपने फ्यूचर की चिंता की, आगे बढ़ने, कुछ कर दिखाने के लिए हार्डवर्क को अपनाया वही कुछ कर सकता है, मंजिल को पा सकता है, अदरवाइज एंथुलेस स्टूडेंट सिर्फ किस्मत को कोसता रह जाता है।
भाग्य को कमजोरी छुपाने का जरिया बनाया जाता है। बड़े-बुजुर्ग, संत, ज्ञानी सभी कह गए हैं कि हार्डवर्क, लक से बड़ा है। जरूरत है उत्साह और उमंग की ताकि स्टूडेंट्स अपनी स्टडी, चिंतन-मनन को सही दिशा दे सकें और इस कॉम्पीटीशन के इस जमाने में अपने आपको पूरी तैयारी के साथ उतार सकें। इसके लिए कुछ इंपॉर्टेंट बातों को ध्यान में रखना होगा -
* इंटलेक्चुअल पावर डेवलप करें और अपनी स्किल्स को बढ़ाएँ।
* टाइम कम है इसलिए आज के काम को कल पर न टालें।
* एक मैथड से सॉल्यूशन न निकले तो काम को अधूरा न छोड़ें, दूसरी मैथड पर अमल करें।
* अपनी प्रोब्लम्स को पेरेंट्स और टीचर से शेयर व डिस्कस करें और एड्वाइज लें।
* स्टडी के दौरान कॉन्सनट्रेट करें, खुद को इधर-उधर भटकने न दें।
* कॉम्प्लेक्स कटेंट को समझने, याद रखने के लिए स्टडी का रिवीजन करें।
* जरूरत पड़ने पर किसी सब्जेक्ट पर अपने क्लासमेट्स से सलाह लें, लेकिन डिसीजन खुद ही लें।
* सवाल के जवाब जल्दी से सोचकर दें, देर न लगाएँ।
* क्रिएटिव पावर को सुधारें तथा अपने थॉट्स के प्रेजेंटेशन और स्टाइल को स्ट्रॉंन्ग बनाएँ।
* डलनेस और नेगेटिव थिंकिंग को मन में जगह न लेने दें, इससे आपकी लक पर डिपेंडेंसी कम होगी।
* आप हार्ड वर्क करते रहें, लक को अपना काम करने दें।
एट लास्ट उनका रिजल्ट अच्छा नहीं आता और दोष देते हैं बेडलक को। इसके अपॉजिट रूटीन पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट कभी भी परीक्षा से नहीं डरते। आज के समय को देखते हुए यह तो बिलकुल सच है कि जिसने अपने फ्यूचर की चिंता की, आगे बढ़ने, कुछ कर दिखाने के लिए हार्डवर्क को अपनाया वही कुछ कर सकता है, मंजिल को पा सकता है, अदरवाइज एंथुलेस स्टूडेंट सिर्फ किस्मत को कोसता रह जाता है।
भाग्य को कमजोरी छुपाने का जरिया बनाया जाता है। बड़े-बुजुर्ग, संत, ज्ञानी सभी कह गए हैं कि हार्डवर्क, लक से बड़ा है। जरूरत है उत्साह और उमंग की ताकि स्टूडेंट्स अपनी स्टडी, चिंतन-मनन को सही दिशा दे सकें और इस कॉम्पीटीशन के इस जमाने में अपने आपको पूरी तैयारी के साथ उतार सकें। इसके लिए कुछ इंपॉर्टेंट बातों को ध्यान में रखना होगा -
* इंटलेक्चुअल पावर डेवलप करें और अपनी स्किल्स को बढ़ाएँ।
* टाइम कम है इसलिए आज के काम को कल पर न टालें।
* एक मैथड से सॉल्यूशन न निकले तो काम को अधूरा न छोड़ें, दूसरी मैथड पर अमल करें।
* अपनी प्रोब्लम्स को पेरेंट्स और टीचर से शेयर व डिस्कस करें और एड्वाइज लें।
* स्टडी के दौरान कॉन्सनट्रेट करें, खुद को इधर-उधर भटकने न दें।
* कॉम्प्लेक्स कटेंट को समझने, याद रखने के लिए स्टडी का रिवीजन करें।
* जरूरत पड़ने पर किसी सब्जेक्ट पर अपने क्लासमेट्स से सलाह लें, लेकिन डिसीजन खुद ही लें।
* सवाल के जवाब जल्दी से सोचकर दें, देर न लगाएँ।
* क्रिएटिव पावर को सुधारें तथा अपने थॉट्स के प्रेजेंटेशन और स्टाइल को स्ट्रॉंन्ग बनाएँ।
* डलनेस और नेगेटिव थिंकिंग को मन में जगह न लेने दें, इससे आपकी लक पर डिपेंडेंसी कम होगी।
* आप हार्ड वर्क करते रहें, लक को अपना काम करने दें।
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