क्या आपके पास कोई ऐसा हुनर है जो औरों से अलग है? अगर आपको लगता है
"नहीं" तो आप बिल्कुल गलत हैं। क्योंकि हर इंसान को भगवान ने बनाया है और
सबके पास कोई ना कोई ऐसा हुनर है जो औरों से अलग है।
आमतौर पर लोग ये कहते हैं कि "हमने तो पूरी कोशिश कि पर काम नही हुआ",
दरअसल अगर आप पूरी कोशिश करेंगे तो आप असफल होंगे ही नहीं।
सपने हर कोई देखता है पर पूरा हर कोई नहीं कर पाता,,,, जानते हैं क्यों? क्योंकि कुछ लोग बस देखते हैं, सोचते हैं और जरा सी विषम परिस्थितियां आ गयी तो उनके सपने उन्ही की तरह टूट जाते हैं। अगर आपको अपने सपनों को वाकई में पूरा करना है, तो आपको हर पल उसे ही सोचना होगा और उसे पाने के लिये हर प्रयास करना होगा। किसी ने कहा है कि "एक सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति अदृश्य को देख लेता है, अमूर्त को महसूस करता है, और असंभव को पा लेता है।" डार्विन पी. किन्सले ने कहा है कि, "यह सोचने के बजाये कि आप क्या खो रहे हैं, ये सोचने का प्रयास करें कि आपके पास ऐसा क्या है, जो बाकी सभी लोग खो रहे हैं। क्योंकि एक बार जब आप नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदल देंगे तो आपको सकारात्मक नतीजे मिलना शुरू हो जायेंगे।" सकारात्मक सोच को अगर वास्तु से जोड़ कर देखें तो इसका सीधा तात्पर्य सकारात्मक ऊर्जा से है। वास्तु के मुताबिक जिस घर में ज्यादा प्राकृतिक रौशनी आती है, कोने साफ सुथरे रहते हैं, घर के दरवाजे पर कोई गंदगी नहीं होती, बेडरूम चमकता रहता है, पढ़ाई का कमरा ज्यादा प्रकाश वाला होता है और टॉयलेट मुख्य द्वार के ठीक सामने नहीं होता वहां पॉजिटिव एनर्जी वास करती है यानी सकारात्मक ऊर्जा उस घर में सदैव बनी रहती है। ऐसे घरों में लोग खुश रहते हैं और जल्दी बीमार नहीं पड़ते। साथ में ढेर सारी लक्ष्मी आती है। इसी प्रकार जिस मस्तिष्क में सकारात्मक सोच भरी होती है, जो लोग हमेशा सकारात्मक दृष्टि से सोचते हैं, उनका दिमाग हमेशा खुला रहता है और वे ज्यादा खुश रहते हैं। खुश रहने की वजह से उनके अंदर आंतरिक शांति बनी रहती है। परिवार या दोस्तों के बीच उनके संबंध हमेशा मधुर होते हैं। ऐसे लोग ज्यादा तनाव नहीं लेते, लिहाजा वे जल्दी बीमार नहीं पड़ते, वे खुद से संतुष्ट रहते हैं और दूसरों के लिए हमेशा आगे से आगे रहते हैं। ऐसे लोगों के जीवन में कम से कम रुकावटें आती हैं। करियर की बात करें तो सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर लोगों का करियर या भविष्य हमेशा उज्जवल होता है।
सपने हर कोई देखता है पर पूरा हर कोई नहीं कर पाता,,,, जानते हैं क्यों? क्योंकि कुछ लोग बस देखते हैं, सोचते हैं और जरा सी विषम परिस्थितियां आ गयी तो उनके सपने उन्ही की तरह टूट जाते हैं। अगर आपको अपने सपनों को वाकई में पूरा करना है, तो आपको हर पल उसे ही सोचना होगा और उसे पाने के लिये हर प्रयास करना होगा। किसी ने कहा है कि "एक सकारात्मक सोच वाला व्यक्ति अदृश्य को देख लेता है, अमूर्त को महसूस करता है, और असंभव को पा लेता है।" डार्विन पी. किन्सले ने कहा है कि, "यह सोचने के बजाये कि आप क्या खो रहे हैं, ये सोचने का प्रयास करें कि आपके पास ऐसा क्या है, जो बाकी सभी लोग खो रहे हैं। क्योंकि एक बार जब आप नकारात्मक विचारों को सकारात्मक विचारों से बदल देंगे तो आपको सकारात्मक नतीजे मिलना शुरू हो जायेंगे।" सकारात्मक सोच को अगर वास्तु से जोड़ कर देखें तो इसका सीधा तात्पर्य सकारात्मक ऊर्जा से है। वास्तु के मुताबिक जिस घर में ज्यादा प्राकृतिक रौशनी आती है, कोने साफ सुथरे रहते हैं, घर के दरवाजे पर कोई गंदगी नहीं होती, बेडरूम चमकता रहता है, पढ़ाई का कमरा ज्यादा प्रकाश वाला होता है और टॉयलेट मुख्य द्वार के ठीक सामने नहीं होता वहां पॉजिटिव एनर्जी वास करती है यानी सकारात्मक ऊर्जा उस घर में सदैव बनी रहती है। ऐसे घरों में लोग खुश रहते हैं और जल्दी बीमार नहीं पड़ते। साथ में ढेर सारी लक्ष्मी आती है। इसी प्रकार जिस मस्तिष्क में सकारात्मक सोच भरी होती है, जो लोग हमेशा सकारात्मक दृष्टि से सोचते हैं, उनका दिमाग हमेशा खुला रहता है और वे ज्यादा खुश रहते हैं। खुश रहने की वजह से उनके अंदर आंतरिक शांति बनी रहती है। परिवार या दोस्तों के बीच उनके संबंध हमेशा मधुर होते हैं। ऐसे लोग ज्यादा तनाव नहीं लेते, लिहाजा वे जल्दी बीमार नहीं पड़ते, वे खुद से संतुष्ट रहते हैं और दूसरों के लिए हमेशा आगे से आगे रहते हैं। ऐसे लोगों के जीवन में कम से कम रुकावटें आती हैं। करियर की बात करें तो सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर लोगों का करियर या भविष्य हमेशा उज्जवल होता है।
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